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लेखनी प्रतियोगिता -28-Feb-2022

एक कहानी

तेरी मेरी ये कहानी बड़ी मशहूर हो गयी,
कहीं महफ़िल की तो कहीं तन्हाई की प्रभा हो गयी।

तू चाँद बना मैं चकोर बन गयी, 
तेरी मुहब्बत में मैं मगरुर हो गयी।
न दिन का करार रहा न रात की नींद रही, 
मैं बन लहर प्यार के समन्दर में विलुप्त हो गयी ।।
तेरी मेरी ये कहानी बड़ी मशहूर हो गयी...

खो गयी तेरे इश्क की मुश्क में,
मैं तेरे इश्क का गुलाब हो गयी।
महकाते महकाते तेरे आंगन को ,
मैं तो तेरी ज़िन्दगी का शबाब हो गयी।।
तेरी मेरी ये कहानी बड़ी मशहूर हो गयी...

कहीं किस्सा बनी कहीं बन शायरी,
दिलजलों की उम्मीद बन गयी।
हम मदहोश हो गए तुम बेकरार हो गए,
हम दो  जिस्म एक जान हो गए ।।
 
तेरी मेरी ये कहानी बड़ी मशहूर हो गयी,
कहीं महफ़िल की तो कहीं तन्हाई की प्रभा हो गयी।

श्वेता दूहन देशवाल
मुरादाबाद उत्तर प्रदेश 

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5 Comments

Shrishti pandey

02-Mar-2022 09:12 AM

Nice one

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Seema Priyadarshini sahay

01-Mar-2022 06:22 PM

बहुत खूबसूरत

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Punam verma

01-Mar-2022 09:05 AM

Nice

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